Kastoori Us Ghat Milegi Perfect Paperback – 11 September 2022 Hindi Edition by Dr. Pawan Vijay (Author)
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नदी का अपने उद्गम स्थल छोड़ कर घाट पर आना ठीक वैसे ही है जैसे मायके को छोडकर कोई ब्याहता ससुराल जाती है, घाट पर उस नदी के जल में तमाम अनचीन्हे और अनचाहे पदार्थ मिलते हैं, नदी मुड़ नही सकती, घाट उसके साथ चल नही सकता। ठीक इसी तरह हमारी सांसारिक विवशताएँ, दुविधाएं होती हैं, हम घर छोड़ कर नदी बन घाट घाट बहते रहते हैं, कस्तूरी की तलाश में। किस घाट किसी के अंतर्मन की सुगंध आकर्षित कर ले, पता नही होता है। पर एक तलाश में हर कोई घूम रहा है। उसी तलाश को आधार बनाते हुए रचनाएं आपको इस काव्य संग्रह में पढने को मिलेंगी। उम्र का एक दौर कच्चेपन का होता है, उन कच्चे भावों को इस पुस्तक में सहेजने का प्रयास है। मुख्यतः अतुकांत, मुक्तक, गीत और गजल के रूप में आपके समक्ष रचनाएं प्रस्तुत हैं। एक विशेष बात यह है कि पारम्परिक मीटर या छंद के हिसाब से शायद रचना खरी न उतरे पर भाव आपसे जरूर जुड़ेगा।यह डॉ. पवन विजय का नया कविता संग्रह है। डॉ. पवन विजय अपने उत्तर आधुनिक विमर्श के लिए जाने जाते हैं। डॉ. विजय द्वारा लिखित उपन्यास ‘बोलो गंगापुत्र’ और बेस्ट सेलर ‘फरवरी नोट्स’आज भी पाठकों की पसंद बना हुआ है । डॉ. पवन विजय का व्यक्तित्व बहु आयामी है वह समाजशास्त्री होने के साथ-साथ स्तंभकार, कवि, सामजिक कार्यकर्ता भी हैं। वर्तमान में डॉ. विजय इन्द्रप्रस्थ विश्वविद्यालय के एक महाविद्यालय में समाजशास्त्र के एसोसिएट प्रोफेसर के रूप में कार्यरत हैं।
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